विशेष

एक राम कई कथाएं, 10 देशों में राम की कहानी:3400 साल पहले लिखी गई आदि रामायण, इंडोनेशिया में 5 और नेपाल में 4 रामकथाएं

 

राम नॉलेज सीरीज

एक राम कई कथाएं, 10 देशों में राम की कहानी:3400 साल पहले लिखी गई आदि रामायण, इंडोनेशिया में 5 और नेपाल में 4 रामकथाएं

राम से बड़ा राम का नाम…। राम नाम राम जन्म से पहले से है। वेदों से लेकर ब्राह्मण संहिताओं तक में राम का जिक्र आता है। अलग-अलग अर्थों में ही, लेकिन राम नाम वैदिक काल से 

कुछ ब्रिटिश विद्वानों के मुताबिक वाल्मीकि की आदि रामायण करीब 3300 से 3400 साल पहले लिखी गई थी, मगर राम नाम का पहला जिक्र ऋग्वेद में आता है। जहां उनका नाम एक यज्ञ के कुछ यजमान राजाओं के साथ लिखा गया है। ये भगवान राम ही हैं, ऐसा कहीं जिक्र नहीं है।

भारत के अलावा 9 देश और हैं जहां रामायण को किसी ना किसी रूप में पढ़ा और सुना जाता है। भारत के अलावा इंडोनेशिया ऐसा देश है जहां 5 तरह की राम कथाएं हैं, सभी 9वीं शताब्दी की हैं। नेपाल में 4 रामायणें हैं। जापान में भी रामायण का जिक्र मिलता है। अकबर, जहांगीर और शाहजहांं जैसे मुगल शासकों ने भी वाल्मीकि रामायण को उर्दू में ट्रांसलेट कराया था।

50 से ज्यादा भाषा, 400 से ज्यादा कथाएं, सैकड़ों लोक कथाएं

रामायण ही अकेली कहानी है, जो अलग-अलग तरह से पढ़ी और कही जाती है। दुनियाभर में 50 से ज्यादा भाषाओं में रामकथा लिखी गई है। भारत के अलावा 9 देश और हैं जहां राम कथा को किसी ना किसी रूप में पढ़ा और सुना जाता है।

रामायण पर सबसे ज्यादा लोककथाएं भी लिखी गई हैं। इनकी संख्या हजारों में है। अलग-अलग पात्रों पर भी कथाएं लिखी गई हैं जो मूल रामायण से अलग हैं। दशरथ, सीता, कौशल्या, लक्ष्मण, भरत, हनुमान ऐसे पात्र हैं जिन पर सबसे ज्यादा कहानियां लिखी गई हैं। खुद प्रो. कामिल बुल्के ने अपनी किताब रामकथा में ऐसी 400 से ज्यादा किताबों का रेफरेंस लिया है।

वेदों में इक्ष्वाकु, दशरथ, राम और सीता

ऋग्वेद में रामायण के 4 पात्रों का उल्लेख मिलता है। इक्ष्वाकु, दशरथ, राम और सीता, इन चारों का उल्लेख ऋग्वेद में अलग-अलग जगह मिलता है। हालांकि चारों का उल्लेख अलग-अलग जगह पर है और ये कहीं भी स्पष्ट नहीं है। इक्ष्वाकु, दशरथ और राम के नाम अलग-अलग राजा के रुप में हैं। वहीं, सीता को कृषि की देवी कहा गया है।

वाल्मीकि रामायण को लेकर 3 दावे

 

वाल्मीकि रामायण की रचना को लेकर 3 अलग-अलग दावे हैं। ब्रिटिश इतिहासविद् जी. गोरेसिया ( रिसर्च - रामायण, भाग-10) के मुताबिक वाल्मीकि ने ही आदि रामायण की रचना की है जो ईसा पूर्व 12वीं से 14वीं शताब्दी की है, मतलब करीब 3400 साल पुरानी। वहीं एक और इतिहासविद् डी.ए.डब्ल्यू. श्लेगेल का मानना है कि रामायण का रचना काल ईसा पूर्व 11वीं से 13वीं हैं शताब्दी यानी 3300 साल पहले का है। ये शोध उन्होंने जर्मन ओरिएंटल जर्नल में प्रकाशित किया था। प्रो. कामिल बुल्के ने अपनी किताब रामकथा का इतिहास में लिखा है कि सारे प्रमाण देखने के बाद ये कहा जा सकता है कि रामायण का रचनाकाल ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी यानी करीब 2400 साल पुराना है।

वाल्मीकि रामायण से पहले दशरथ जातक

 

प्रो. कामिल बुल्के ने अपनी किताब रामकथा का इतिहास में लिखा है। रामकथा का सबसे पहला उल्लेख ‘दशरथ जातक कथा’ में मिलता है। जो ईसा से 400 साल (अब से 2600 साल) पहले लिखी गई थी। इसके बाद ईसा से 300 से 200 साल पूर्व का काल वाल्मीकि रामायण का मिलता है।

वाल्मीकि रामायण को सबसे ज्यादा प्रमाणिक इसलिए भी माना जाता है क्योंकि वाल्मीकि भगवान राम के समकालीन ही थे और सीता ने उनके आश्रम में ही लव-कुश को जन्म दिया था। लव-कुश ने ही राम के दरबार में वाल्मीकि की लिखी रामायण सुनाई थी। दशरथ जातक में रामकथा की घटनाओं का वर्णन है, लेकिन इतना विस्तृत नहीं है, लेकिन ये कहा जा सकता है कि दशरथ जातक ही राम कथा की प्रेरणा रही है।

वाल्मीकि के बाद तुलसीदास की रामचरित मानस सबसे लोकप्रिय

खबरें और भी हैं...